Contract Teacher Restoration: इन जिलों के विद्यालय में संविदा पर होंगे शिक्षक बहाल, कई विषयों के लिए होगी भर्ती

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Contract Teacher Restoration

Contract Teacher Restoration: बिहार राज्य की उच्च शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया गया है। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (TMBU) सहित राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में संविदा शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है। इस निर्णय के तहत अब विश्वविद्यालय स्तर पर विभिन्न विषयों के लिए योग्य शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी।

इस संबंध में हाल ही में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता राज्यपाल और कुलाधिपति आरिफ मोहम्मद खान ने की। बैठक में शिक्षा मंत्री सुनील कुमार, टीएमबीयू के कुलपति प्रो. जवाहर लाल, और प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति मौजूद थे। बैठक में यह भी तय किया गया कि इस बहाली से पहले शिक्षण व्यवस्था को बेहतर करने के लिए कई कदम उठाए जाएंगे।

Contract Teacher Restoration: राज्य की शिक्षा व्यवस्था को मिलेगा नया आधार

Contract Teacher Restoration केवल एक नियुक्ति प्रक्रिया नहीं, बल्कि यह राज्य के उच्च शिक्षा ढांचे को मजबूती देने की एक रणनीतिक पहल है। लंबे समय से विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की कमी से जूझ रहे छात्रों के लिए यह एक राहत की खबर है। संविदा शिक्षक बहाली के माध्यम से विभिन्न विषयों में विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति होगी, जिससे छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी।

इस योजना के अंतर्गत विश्वविद्यालयों में विषयवार शिक्षकों की संख्या निर्धारित की जाएगी और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से योग्य उम्मीदवारों का चयन होगा। इस बहाली से छात्रों के अकादमिक प्रदर्शन में सुधार आने की उम्मीद है।

बैठक में लिए गए अन्य अहम फैसले

संविदा शिक्षक बहाली की घोषणा के साथ-साथ बैठक में शिक्षा व्यवस्था से जुड़े कई और महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है छात्रों की उपस्थिति को लेकर बनाया गया नया नियम। अब से सभी कॉलेज और विभागों में 75% उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है। यह नियम पहले से पीजी विभागों में लागू था, लेकिन अब इसे कॉलेज स्तर पर भी सख्ती से लागू किया जाएगा।

इसके अलावा, जरूरत के अनुसार अतिरिक्त कक्षाएं आयोजित करने की भी बात कही गई है ताकि पाठ्यक्रम पूरा हो सके और छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो।

शिक्षकों की संख्या और विषयों में असंतुलन

राज्य के विश्वविद्यालयों में कई वर्षों से शिक्षकों की भारी कमी है। कई विषय ऐसे हैं जहां स्थायी शिक्षक नहीं हैं या उनकी संख्या बहुत कम है। बैठक में इस विषय पर चर्चा करते हुए सुझाव दिया गया कि पुराने पैमाने के अनुसार ही शिक्षकों की संख्या तय की जाए ताकि छात्रों को प्रत्येक विषय में पढ़ाई का पूरा अवसर मिल सके।

इस संदर्भ में शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों को अपने रिक्त पदों की जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश भी दिया है। इससे विषयवार रिक्तियों की सटीक गणना हो सकेगी और बहाली प्रक्रिया प्रभावी रूप से शुरू की जा सकेगी।

डिजिटल तकनीक और आईटी सेल की जरूरत

शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल तकनीक की भूमिका बढ़ती जा रही है। इसे देखते हुए विश्वविद्यालयों में एक आईटी सेल बनाने की बात कही गई है। यह सेल शिक्षकों की उपस्थिति, कक्षाओं की मॉनिटरिंग, और डिजिटल शिक्षण सामग्री के प्रबंधन के लिए जरूरी होगा।

इसके अलावा, शिक्षा विभाग ने यह भी निर्देश दिया कि समर्थ पोर्टल को पूरी तरह से लागू किया जाए ताकि शिक्षकों और छात्रों की सभी जानकारियां एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हों और प्रशासनिक कामों में पारदर्शिता बनी रहे।

वित्तीय प्रबंधन और छात्र योजनाएं

विश्वविद्यालयों को समय पर उपयोगिता प्रमाण पत्र (Utilization Certificate) भेजने का निर्देश दिया गया है ताकि उन्हें मिलने वाली राशि का पूरा लाभ समय पर प्राप्त हो सके। यदि यह प्रमाण पत्र समय पर नहीं भेजे गए तो अगली बार बजट मदों में कटौती की जा सकती है।

इसके अलावा, कन्या उत्थान योजना के तहत छात्राओं की लंबित राशि को 10 से 15 दिनों के अंदर जारी करने का भी आश्वासन दिया गया है। यह योजना छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करने की दिशा में अहम साबित होगी।

हॉस्टल और भूमि विवाद पर सख्त रुख

बैठक में कई विश्वविद्यालयों से यह शिकायत सामने आई कि उनके हॉस्टलों में अवैध कब्जा है। इससे वैध छात्रों को रहने में समस्या हो रही है। राज्यपाल ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि सभी अवैध कब्जों को हटाया जाए और इसके लिए जरूरत पड़ने पर पुलिस प्रशासन की सहायता ली जाए।

इसके साथ ही, एसएम कॉलेज सहित कई कॉलेज परिसरों में भूमि अतिक्रमण की भी शिकायतें आई हैं। इस पर शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है कि वे अपनी जमीन से संबंधित सभी दस्तावेज जल्द से जल्द प्रस्तुत करें ताकि सरकारी स्तर पर कार्रवाई की जा सके।

छात्रों के लिए शिक्षा में सुधार के संकेत

संविदा शिक्षक बहाली के साथ-साथ यह भी स्पष्ट किया गया है कि राज्य सरकार उच्च शिक्षा में सुधार को लेकर गंभीर है। अब विश्वविद्यालय स्तर पर नियमित कक्षाएं, टाइम टेबल का पालन, छात्र फीडबैक प्रणाली, और परीक्षा सुधार जैसे उपायों को लागू किया जाएगा।

इन सभी प्रयासों का उद्देश्य छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बेहतर शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध कराना है।

निष्कर्ष

संविदा शिक्षक बहाली की इस नई प्रक्रिया से बिहार के विश्वविद्यालयों में शिक्षा का स्तर काफी बेहतर होगा। इस बहाली के जरिए छात्रों को हर विषय में विशेषज्ञ शिक्षक मिलेंगे और शिक्षण कार्य में निरंतरता बनी रहेगी। साथ ही, विश्वविद्यालयों की प्रशासनिक व्यवस्था भी मजबूत होगी और शिक्षा में पारदर्शिता और जिम्मेदारी बढ़ेगी।

सरकार, विश्वविद्यालय प्रशासन और शिक्षा विभाग अगर मिलकर इन नीतियों को सही ढंग से लागू करते हैं, तो आने वाले समय में बिहार की उच्च शिक्षा व्यवस्था एक नए मुकाम पर पहुंचेगी।

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